भारत के राष्ट्रपति

भारत के राष्ट्रपति

भाग 5

संघ की कार्यपालिका

अनुच्छेद 52 से 151

अनुच्छेद 52 भारत का राष्ट्रपति
अनुच्छेद 53 संघ की कार्यपालिका शक्ति
अनुच्छेद 54 राष्ट्रपति का निर्वाचन
अनुच्छेद 55 राष्ट्रपति के निर्वाचन की रीति
अनुच्छेद 56 राष्ट्रपति की पदावधि
अनुच्छेद 57 राष्ट्रपति के पुनर्निर्वाचन के लिए पात्रता
अनुच्छेद 58 राष्ट्रपति के निर्वाचन होने के लिए अहर्ताएं
अनुच्छेद 59 राष्ट्रपति के पद के लिए शर्तें
अनुच्छेद 60 राष्ट्रपति द्वारा शपथ प्रतिज्ञान
अनुच्छेद 61 राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाने की प्रक्रिया
अनुच्छेद 62 राष्ट्रपति के पद में रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचन करने का समय और आकस्मिक रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचित व्यक्ति की पदावधि
अनुच्छेद 63 भारत का उप-राष्ट्रपति
अनुच्छेद 64 उपराष्ट्रपति का राज्य सभा का पदेन सभापति होना
अनुच्छेद 65 राष्ट्रपति के पद में आकस्मिक रिक्ति के दौरान हाउस की अनुपस्थिति में उपराष्ट्रपति का राष्ट्रपति के रूप में कार्य करना या उसके कृतियों का निर्वहन करना
अनुच्छेद 66 उपराष्ट्रपति का निर्वाचन
अनुच्छेद 67 उपराष्ट्रपति की पदावधि
अनुच्छेद 68 उपराष्ट्रपति के पद में रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचन करने का समय और आकस्मिक रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचित व्यक्ति की पदावधि।
अनुच्छेद 69 उपराष्ट्रपति द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान
अनुच्छेद 70 अन्य आकस्मिकता ओं में राष्ट्रपति के कृत्यों का निर्वहन
अनुच्छेद 71 राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति के निर्वाचन से संबंधित या संशक्त विषय
अनुच्छेद 72 क्षमा आदि की और कुछ मामलों में दंडादेश के निलंबन परिहार या लघुकरण की राष्ट्रपति की शक्ति
अनुच्छेद 73 संघ की कार्यपालिका शक्ति का विस्तार

 

राष्ट्रपति

 

  • भारत का एक राष्ट्रपति होगा अनुच्छेद 52
  • वह संवैधानिक संघीय कार्यपालिका का प्रमुख होगा अनुच्छेद 53
·                     राष्ट्रपति बनने के लिए योग्यताएं:
  1. वह भारत का नागरिक हो।
  2. पागल दिवालिया घोषित ना हो।
  3. किसी लाभ के पद पर ना हो।
  4. न्यूनतम उम्र 35 वर्ष हो।
  5. लोकसभा का सदस्य निर्वाचित होने की योग्यता हो।
·         लाभ का पद (office of profit)
  • हमारे संविधान में इसका उल्लेख नहीं किया गया है।आरंभ में सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के द्वारा इसे परिभाषित किया जाता था।
  • भारत सरकार द्वारा संसद अयोग्यता विधेयक 2005 ( लाभ का पद विधेयक 2005 ) संसद में पारित किया गया।
  • भारत सरकार या राज्य सरकार के अधीन कोई पद लाभ का पद माना जाएगा।
  • राष्ट्रपति उपराष्ट्रपति प्रधानमंत्री राज्यपाल एवं अन्य मंत्री का पद लाभ का पद नहीं है।
·         निर्वाचन
  • किसके द्वारा?
  • राष्ट्रपति का निर्वाचन एक निर्वाचक मंडल के द्वारा किया जाता है जिसमें निम्न शामिल होते हैं।

निर्वाचक मंडल:

सम्मिलित सदस्य जो सम्मिलित नहीं होते हैं
1.       राज्यसभा और लोकसभा के निर्वाचित सदस्य

2.       सभी निर्वाचित विधानसभा के सदस्य

3.       दिल्ली और पुडुचेरी के निर्वाचित एमएलए

1)      राज्यसभा के 12 मनोनीत सदस्य

2)      लोकसभा के दो एंग्लो इंडियन

3)      विधानसभा का एक मनोनीत सदस्य

4)      5 केंद्र शासित प्रदेश के प्रमुख

5)      विधान परिषद

 

  • मतगणना की प्रक्रिया
  • एक MLA का मत = ( राज्य की जनसंख्या/विधानसभा में निर्वाचित सदस्यों की कुल संख्या) × (1/1000)
  • एक राज्य के सभी निर्वाचित MLA का मत मूल्य = एक एमएलए का मत मूल्य× राज्य में MLA की संख्या
  • 1 MP का मत मूल्य = सभी एक 30 राज्यों के निर्वाचित का MLA का मत मूल्य का योग/संसद के कुल निर्वाचित MP
  • कोटा= (N/n+1) + 1

Where – N =डाले गए वैध मतों की कुल संख्या

                 n = पदों की कुल संख्या

  • एकल संक्रमणीय मत (STV- SINGLE TRANSITIVE VOTE)

                   माना  N= 15000    कोटा = (15000/1+1)+1  = 7500  (इतना मत प्राप्त करने वाला राष्ट्रपति बनेगा)

माना कि राष्ट्रपति के पद के लिए चार उम्मीदवार हैं—- A,B,C,D

FIRST ROUND

A को मिले 5250 मत

B को मिले 4800 मत

C को मिले 2700 मत

D को मिले 2250 मत

द्वितीय चरण

क्योंकि पहले दौर में कोई भी उम्मीदवार 7501 मत नहीं ला सका अतः दूसरे दौर में सबसे कम मत मिले दी को हटा दिया जाता है और उसके मतों को अन्य तीनों उम्मीदवारों में दूसरी वरीयता के आधार पर बांट दिया जाता है

A   -. 5250+ 300 = 5550 मत

B – 4800+ 1050 = 5850. मत

C – 2700+ 900= 3600.  मत

तीसरा चरण

पुनः सब से कम मत वाले उम्मीदवार को हटा दिया जाता है। यहां C को हटा दिया जाएगा और उसका मत अन्य दो में बांट दिया जाएगा।

A ——.  5550+  1700. = 7250

B —— 3850. + 1900 = 7750

अतः अभी राष्ट्रपति बनेगा क्योंकि इसने 7501 से अधिक मत प्राप्त किए हैं।

  • नोट:—-
  1. भारत मैं अभी तक एक बार ही दूसरे दौर का प्रयोग किया गया है।
  • वी वी गिरी —— यह निर्वाचित हुए थे
  • नीलम संजीव रेड्डी
  • चिंतामणि
·         निर्वाचन की शर्तें :
  • निर्वाचक मंडल के रिक्त रहने के बावजूद राष्ट्रपति का चुनाव होता है 11:00 में संविधान संशोधन विधेयक के द्वारा
  • यदि किसी राज्य में आपातकाल लगा हो तो भी राष्ट्रपति का चुनाव होगा।
  • राष्ट्रपति के पद के उम्मीदवार के लिए 50 MP प्रस्तावक और अन्य 50 समर्थक होने चाहिए।
  • भारत में एक व्यक्ति एक से अधिक बार राष्ट्रपति बन सकता है। परंतु अमेरिका में एक व्यक्ति मात्र दो बार ही राष्ट्रपति बन सकता है।
·         राष्ट्रपति के निर्वाचन पर विवाद:
  • राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव पर उठे विवाद का निपटारा सर्वोच्च न्यायालय कहती है— अनुच्छेद 71
  • यह सर्वोच्च न्यायालय का प्रारंभिक क्षेत्राधिकार है।
·         शपथ
  • राष्ट्रपति सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के समक्ष शपथ लेते हैं।
·         राष्ट्रपति का वेतन एवं पेंशन
  • वेतन——-150000 रुपए मासिक
  • पेंशन—–50%—₹75000 मासिक
  • राष्ट्रपति को आयकर नहीं देना पड़ता।
  • राष्ट्रपति को वेतन भारत की संचित निधि से दिया जाता है राष्ट्रपति को वेतन भारत की संचित निधि से दिया जाता है—-अनुच्छेद 112 (3)
  • संचित निधि पर संसद का कंट्रोल होता है।. अनुच्छेद 266
  • कार्यकाल–5 साल
पद मुक्ति
  • त्याग पत्र दे कर-. राष्ट्रपति अपना त्यागपत्र के उपराष्ट्रपति को देते।
  • महाभियोग द्वारा राष्ट्रपति को पद से हटाया जा सकता है। अनुच्छेद 61
महाभियोग
  • भारत में महाभियोग की प्रक्रिया अमेरिका के संविधान से लिया गया है।
  • महाभियोग प्रस्ताव संसद के किसी भी सदन में लाया जा सकता है।
  • जिस सदन में यह प्रस्ताव लाना हो उसके 1/4 सदस्य लिखित रुप से राष्ट्रपति को यह जानकारी देंगे।
  • राष्ट्रपति को यह जानकारी 14 दिन पूर्व से होनी चाहिए।
  • दोनों सदनों से यह अलग-अलग दो तिहाई बहुमत से पारित होना आवश्यक है।
  • जिस तारीख को दूसरे सदन द्वारा पारित कर दिया जाता है उसी दिन राष्ट्रपति को अपना पद त्यागना होगा।
  • अभी तक भारत में किसी भी राष्ट्रपति पर यह आरोप नहीं लगाया गया है।
·         राष्ट्रपति के कार्य एवं शक्तियां
  • कार्यपालिका शक्ति
  1. नियुक्ति संबंधित शक्ति
  2. पदच्युति संबंधित शक्ति
  • विधायी शक्ति
  • वीटो शक्ति
  • राजनायिक शक्ति
  • सैन्य शक्ति
  • क्षमा शक्ति या न्यायिक शक्ति
  • आपात शक्ति
  • अध्यादेश जारी करने की शक्ति
नियुक्ति संबंधित शक्ति
  1. राष्ट्रपति निम्न पदाधिकारियों को नियुक्त कर सकते हैं—-
  2. प्रधानमंत्री
  3. प्रधानमंत्री के सलाह पर अन्य मंत्रियों को
  • राज्यपाल
  1. केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल एवं प्रशासक को
  2. सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एवं उनके परामर्श पर अन्य न्यायाधीशों को
  3. महान्यायवादी
  • कैग महालेखा नियंत्रक परीक्षक
  • मुख्य चुनाव आयुक्त
  1. UPSC के अध्यक्ष एवं सदस्य
  2. लोकसभा में दो एंग्लो इंडियन (अनुच्छेद 331)
  3. राज्यसभा में 12 सदस्यों को कला साहित्य विज्ञान आदि क्षेत्रों से (अनुच्छेद 80 (2))
  4. राष्ट्रपति जिन्हें पद से हटा सकते हैं
  • उपर्युक्त अधिकांश पदाधिकारियों को राष्ट्रपति हटा सकते हैं।
  • महालेखा एवं नियंत्रक परीक्षक को महाभियोग द्वारा हटाया जाता है।
  • राष्ट्रपति कई आयोग का गठन भी करते हैं जैसे—-
  • वित्त आयोग
  • राष्ट्रीय अनुसूचित जाति एवं जनजाति आयोग
  • राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग
  • राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग
  • भाषा आयोग
  • राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग

 

नोट:

राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और सदस्य की नियुक्ति राज्यपाल करते हैं परंतु उन्हें हटाने की शक्ति राष्ट्रपति के पास है।

  1. विधेयक संबंधी अधिकार
  • विधेयक तीन प्रकार के हैं
    1. धन विधेयक
    2. सामान्य विधेयक
    3. संविधान संशोधन विधेयक
  • साधारण विधेयक पर राष्ट्रपति की ( शक्ति वीटो शक्ति)[ अनुच्छेद 11 ]
  1. अभ्यांतिक वीटो (Absolute veto) – जब राष्ट्रपति साधारण विधेयक पर हस्ताक्षर कर देंl
  2. निलंबन (Suspension Veto power) – साधारण विधेयक को राष्ट्रपति एक बार पुनर्विचार के लिए संसद में भेज सकते हैं।

नोट:- 42 वें संविधान संशोधन 1976 द्वारा राष्ट्रपति को साधारण विधेयक को एक बार भी सदन में लौटाने की शक्ति नहीं दी गई।

परंतु 44 वें संविधान संशोधन 1978 द्वारा एक बार लौटाने की शक्ति पुनः दी गई।

Iii. जेबी वीटो ( Pocket Veto Power)  — 1986 में राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह ने भारतीय डाकघर संशोधन बिल पर इस वीटो का प्रयोग किया था।

  • राष्ट्रपति साधारण विधेयक पर दोनों सदनों में विवाद होने पर संयुक्त बैठक बुला सकते हैं जिसकी अध्यक्षता लोकसभा के अध्यक्ष करते हैं। अनुच्छेद 108
  • धन विधेयक और वित्त विधेयक बिना राष्ट्रपति के पूर्व अनुमति के लोकसभा में प्रस्तुत नहीं किया जा सकता।
  • CAG अपना रिपोर्ट राष्ट्रपति के पास प्रस्तुत करता है
  1. राजनयिक शक्ति
  • राजदूतों की की नियुक्ति विदेशों में और विदेशी राज जूतों की नियुक्ति भारत में करते हैं।
  • उच्चायुक्त ( High Commissioner) – commonwealth (राष्ट्रमंडल के सदस्य देशों के राजदूत एक दूसरे देश में उच्चायुक्त कहलाते हैं
  • भारत के सभी अंतरराष्ट्रीय समझौते राष्ट्रपति के नाम पर होते हैं।
  1. सैन्य शक्ति
  • राष्ट्रपति तीनों सेनाओं का प्रमुख होता है और तीनों सेनाओं के प्रमुख की नियुक्ति राष्ट्रपति करते हैं।
  1. न्यायिक शक्ति या क्षमा शक्ति
  • सिविल न्यायालयों द्वारा दिए गए निर्णय उनके विरुद्ध-
  • क्षमा (PARDON) :- मृत्युदंड या सभी दंडादेश को माफ करना।
  • परिहार :- राष्ट्रपति किसी अपराधी को सजा की अवधि को कम कर सकते हैं बिना दंड के स्वरूप व प्रकृति में बदलाव किए
  • लघुकरण :- राष्ट्रपति किसी अपराधी की सजा की अवधि को कम कर सकते हैं साथ ही साथ उसकी प्रकृति को भी कम कर सकते हैं।
  • विराम :- विशेष परिस्थितियों में राष्ट्रपति किसी की सजा को कम कर सकते हैं।
  • प्रविलंबन :- मृत्युदंड का अस्थाई निलंबन। साधारणता क्षमा या लघुकरण की कार्यवाही के लंबित रहने पर ऐसा किया जाता है।
  • राष्ट्रपति सैन्य न्यायालयों द्वारा दिए गए सजा को भी कम कर सकते हैं।
  1. आपात शक्तियां :-
  • अनुच्छेद 352राष्ट्रीय आपात :-

राष्ट्रपति युद्ध के समय यह आंतरिक अशांति के समय मंत्रिमंडल की सिफारिश पर पूरे देश में या उसके किसी भाग में या आपात लगा सकते हैं।

  • 44 वें संविधान संशोधन 1978 द्वारा “ आंतरिक अशांति” को हटाकर “ सशस्त्र विद्रोह “ को जोड़ा गया।
  • पूरे संविधान में एक बार अनुच्छेद 352 में मंत्रिमंडल शब्द का उल्लेख मिलता है।
  • अनुच्छेद 356 :- यदि किसी राज्य में संवैधानिक तंत्र विफल हो जाए तो राष्ट्रपति राष्ट्रपति शासन लगा सकते हैं।
  • अनुच्छेद 368 :- वित्तीय आपात- वित्तीय संकट के समय
  1. अध्यादेश की शक्ति अनुच्छेद 123
  • राष्ट्रपति के अध्यादेश की स्थिति वही होती है जो कानून की होती है।
  • किसी राष्ट्रीय महत्व के विषय पर जब लोकसभा या राज्यसभा या दोनों सत्र में न हो तो राष्ट्रपति अध्यादेश जारी कर सकते हैं।
  • यह अध्यादेश सदन की बैठक के आरंभ की तिथि के 6 सप्ताह के भीतर पारित होना आवश्यक है अन्यथा इसे समाप्त माना जाएगा।
  • अध्यादेश छह माह तक प्रभावी रहता है।
  1. परामर्शी शक्ति अनुच्छेद 143 (1)
  • राष्ट्रपति किसी संवैधानिक विषय पर सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से परामर्श मांग सकते हैं।

 

  • स्मरणीय तथ्य:-
  • भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद 1950 से 1962 तक
  • जो लगातार दो बार राष्ट्रपति बने डाक्टर राजेंद्र प्रसाद
  • भारत के वर्तमान राष्ट्रपति- रामनाथ कोविंद 
  • प्रथम महिला राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा पाटिल
  • प्रथम वैज्ञानिक राष्ट्रपति डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम 200२ से 07
  • प्रथम मुस्लिम राष्ट्रपति डॉक्टर जाकिर हुसैन 1967 से 69
  • प्रथम दलित राष्ट्रपति के आर नारायणन 1997 से 2000
  • प्रथम सिक्ख राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह 1982 से 1987
  • सबसे युवा राष्ट्रपति बी डी जत्ती फरवरी से जुलाई 1977
  • दूसरे दौर में निर्वाचित राष्ट्रपति वी वी गिरी
  • ऐसे राष्ट्रपति जो पहली बार पराजित हो गए और दूसरी बार निर्विरोध जीते नीलम संजीव रेड्डी 1977 से 1982
  • राष्ट्रपति जो लोकसभा के स्पीकर रह चुके हैं नीलम संजीव रेड्डी
  • राष्ट्रपति जो मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं मोहम्मद हिदायतुल्लाह
  • ऐसे पहले उपराष्ट्रपति जो राष्ट्रपति बने डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन 1962 से 1967
  • ऐसे राष्ट्रपति जो उपराष्ट्रपति नहीं रहे:-
    1. डाक्टर राजेंद्र प्रसाद
    2. नीलम संजीव रेड्डी
    3. फखरुद्दीन अली अहमद
    4. मोहम्मद हिदायतुल्लाह
    5. ज्ञानी जैल सिंह
    6. डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम
    7. प्रतिभा पाटिल
  • ऐसे राष्ट्रपति जिनकी मृत्यु कार्यकाल के दौरान हुई
    1. डॉक्टर जाकिर हुसैन
    2. हिदायतुल्लाह

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